जी हाँ चुनाव का
सरगर्मी है उपर से वातावरण में भी गर्मी है लेकिन इसी गर्मी में नामांकन करने
पहुँचा एक नौजवान तो समाहरणालय परिसर का गर्मी और भी बढ़ गया.दरअसल सातवें चरण के
चुनाव के लिए नामांकन का आज अंतिम दिन था.काराकाट लोकसभा का नामांकन सासाराम में
होता है.
पवन कुमार पाण्डेय
नाम के निर्दलीय प्रत्याशी आज सफ़ेद कुर्ता और पिला धोती पहनकर आज नामांकन करने
जिलाधिकारी कार्यालय आये थे.26 वर्ष के अविवाहित प्रत्याशी के ललाट पर चंदन का
टिका था जिसे देखकर एकबार सब मुश्कुरा रहे थे.उनके साथ आये समर्थकों ने भी पगड़ी और
तिलक लगा रही थी.जुलुश के शक्ल में पहुंचे पवन पाण्डेय ढोल नगाड़ा के साथ नामांकन
करने आये थे.जैसे ही पवन पाण्डेय जिलाधिकारी के कक्ष में पहुंचे तो थोड़ी देर तक
डीएम साहब भी देखते रहे फिर मुस्कुरा कर बैठने का इशारा किये.
दरअसल पवन कुमार
पाण्डेय काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.मूल रूप से पवन पाण्डेय चेनारी थाना
के पाण्डेय डिही गावं के रहने वाले हैं.महज 26 वर्ष के उम्र में सांसद का चुनाव लड़
रहे हैं और अभी तक अविवाहित हैं.पूर्व में यह युवा सवर्ण सेना संगठन से जुडा हुआ
था और अलग अलग आंदोलन में सक्रिय भूमिका अदा करते रहे हैं.पवन कुमार पाण्डेय पहले
भाजपा से जुड़े थे लेकिन अब वो आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए हैं,लेकिन आम आदमी
पार्टी ने काराकाट में चुनाव नहीं लड़ा तो निर्दलीय ताल ठोक दिए.
पवन की माँ पहले
सरपंच रह चुकी हैं और पवन खुद भी जिला परिषद का चुनाव लड़ चुके हैं.पवन कुमार
पाण्डेय को लेकर काराकाट लोकसभा में ब्राह्मण उम्मीदवारों की संख्या अब चार हो गई है.
युवाओं की बेरोजगारी,सवर्ण समाज की उपेक्षा और डालमियानगर उद्योग इनके के लिए
मुख्य चुनावी मुद्दा है.
इस अनोखे वस्त्र और
भेष भूषा में आने का कारण पूछने पर पवन कहते हैं की मेरे पास पैसे नहीं है की मैं
बहुत प्रचार कर सकूं इसलिए यह मेरा प्रचार का तरीका है.आगे वो बताते हैं की अपने
क्षेत्र के जिस घर में मैं वोट मांगने जाऊंगा वहां से आशीर्वाद के रूप में एक
मुट्ठी चावल भी लूँगा,ताकि पवन पाण्डेय का नाम लोग याद रखें.
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