बात जनवरी 2018 की है,मुजफ्फरपुर के पारू प्रखंड में रत्नेश कुमार प्रखंड विकास पदाधिकारी थे.अब वो नौकरी छोड़ चुके हैं,विभागीय कार्यवाई अब भी उनपर जारी है.आज उन्होंने मुजफ्फरपुर में प्रेस कांफ्रेंस करके वैशाली से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.आइये समझते हैं पूरा मामला:
मूल रूप से सीतामढ़ी के रहने वाले 36 वर्षीय रत्नेश ने 2014 में नौकरी ज्वाइन किया था.मुजफ्फरपुर के मोतीपुर और पारू प्रखंड में BDO के पद पर लगभग 5 वर्षों तक तैनात रहे.इस दौरान उनकी स्थानीय नेताओं से विवाद हुआ और इसके बाद उनके खिलाफ एक गंभीर षड्यंत्र रचा गया जिसमें रत्नेश कुमार बुरी तरह फंसे और जेल जा पहुंचे.
मकर सक्रांति के रात रत्नेश के सरकारी आवास पर जिला परिषद सदस्य के पति तुलसी राय को नशे में गिरफ्तार किया गया.अब इसके पीछे क्या खेल हुई होगी यह आप समझ सकते हैं.जाँच के दौरान तुलसी राय के ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में नशा की पुष्टि हुई.तुलसी राय एक कुख्यात अपराधी के श्रेणी में आता है.इस दौरान BDO रत्नेश की भी जाँच हुई लेकिन वो नशे में नहीं पाए गये .तुलसी राय ने गिरफ़्तारी के बाद मीडिया को बताया की उसने खांसी की सिरप पि ली थी जिसके वजह से टेस्ट पॉजिटिव आया.
इस पुरे मामले को तत्कालीन DSP शंकर झा अंजाम दे रहे थे.तुलसी राय को जेल भेज दिया गया.BDO पर विभागीय कार्यवाई तय हुई.सवाल उठा की आखिर एक कुख्यात शराब के नशे में BDO के सरकारी आवास पर क्या कर रहा था? BDO का तर्क था की तुलसी राय जनप्रतिनिधि का पति था,इस लिहाज से संपर्क था.
अंततः मार्च 2018 में SP विवेक सिंह ने DSP शंकर झा को BDO रत्नेश को गिरफ्तार करने का आदेश जारी कर दिया और साथ ही साथ उनके वैशाली और पटना स्थित आवास पर छापेमारी भी शुरू हो गई.रत्नेश पर अभी भी विभागीय कार्यवाई चल रही है लेकिन उन्होंने अब इस्तीफा दे दिया है और आज प्रेस कांफ्रेंस करके वैशाली से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.
जरुर पढ़ें: बिहार में सभी दलों ने ब्राह्मणों को किया किनारा,राजनितिक अस्तित्व पर संकट
मुजफ्फरपुर के उदय प्रीमियर होटल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में रत्नेश ने सीधे मुख्यमंत्री पर हमला बोला और एक से एक गंभीर आरोप लगाये.उन्होंने कहा की "नितीश कुमार के शासन में दलाली चरम पर है,नेता जी दलालों के साथ खड़े हैं,अधिकारीयों से धन उगाही किया जाता है,DM से लेकर निचले स्तर तक के पदाधिकारियों से पैसा उगाही किया जाता है,उन्हें गलत काम करने पर मजबूर किया जाता है और जो नहीं करता है उसे रत्नेश कुमार बना दिया जाता है,अधिकारीयों से वसूले गए पैसों से नेता चुनाव लड़ते हैं "
पूर्व BDO रत्नेश ने कहा की "नितीश के शासन में डीएम भी सुरक्षित नहीं है,शराब माफिया ही नितिश कुमार के नेता हैं,उन्होंने ने ही बिहार में शराब बंदी फेल कर दिया है" उन्होंने कहा की जब हमने समाज के गरीब वर्ग को नहीं लुटा तो राजनेताओं ने मुझे ही फंसा दिया"
रत्नेश ने युवाओं को नौकरी का लालसा छोडकर बड़ी संख्या में राजनीती में आने का अपील भी किया. इस चुनावी सरगर्मी में रत्नेश ने अपने ही सिस्टम को नंगा करके देश भर में मीडिया जगत को मसाला सौंप दिया है.
मूल रूप से सीतामढ़ी के रहने वाले 36 वर्षीय रत्नेश ने 2014 में नौकरी ज्वाइन किया था.मुजफ्फरपुर के मोतीपुर और पारू प्रखंड में BDO के पद पर लगभग 5 वर्षों तक तैनात रहे.इस दौरान उनकी स्थानीय नेताओं से विवाद हुआ और इसके बाद उनके खिलाफ एक गंभीर षड्यंत्र रचा गया जिसमें रत्नेश कुमार बुरी तरह फंसे और जेल जा पहुंचे.
मकर सक्रांति के रात रत्नेश के सरकारी आवास पर जिला परिषद सदस्य के पति तुलसी राय को नशे में गिरफ्तार किया गया.अब इसके पीछे क्या खेल हुई होगी यह आप समझ सकते हैं.जाँच के दौरान तुलसी राय के ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में नशा की पुष्टि हुई.तुलसी राय एक कुख्यात अपराधी के श्रेणी में आता है.इस दौरान BDO रत्नेश की भी जाँच हुई लेकिन वो नशे में नहीं पाए गये .तुलसी राय ने गिरफ़्तारी के बाद मीडिया को बताया की उसने खांसी की सिरप पि ली थी जिसके वजह से टेस्ट पॉजिटिव आया.
इस पुरे मामले को तत्कालीन DSP शंकर झा अंजाम दे रहे थे.तुलसी राय को जेल भेज दिया गया.BDO पर विभागीय कार्यवाई तय हुई.सवाल उठा की आखिर एक कुख्यात शराब के नशे में BDO के सरकारी आवास पर क्या कर रहा था? BDO का तर्क था की तुलसी राय जनप्रतिनिधि का पति था,इस लिहाज से संपर्क था.
अंततः मार्च 2018 में SP विवेक सिंह ने DSP शंकर झा को BDO रत्नेश को गिरफ्तार करने का आदेश जारी कर दिया और साथ ही साथ उनके वैशाली और पटना स्थित आवास पर छापेमारी भी शुरू हो गई.रत्नेश पर अभी भी विभागीय कार्यवाई चल रही है लेकिन उन्होंने अब इस्तीफा दे दिया है और आज प्रेस कांफ्रेंस करके वैशाली से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.
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मुजफ्फरपुर के उदय प्रीमियर होटल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में रत्नेश ने सीधे मुख्यमंत्री पर हमला बोला और एक से एक गंभीर आरोप लगाये.उन्होंने कहा की "नितीश कुमार के शासन में दलाली चरम पर है,नेता जी दलालों के साथ खड़े हैं,अधिकारीयों से धन उगाही किया जाता है,DM से लेकर निचले स्तर तक के पदाधिकारियों से पैसा उगाही किया जाता है,उन्हें गलत काम करने पर मजबूर किया जाता है और जो नहीं करता है उसे रत्नेश कुमार बना दिया जाता है,अधिकारीयों से वसूले गए पैसों से नेता चुनाव लड़ते हैं "
पूर्व BDO रत्नेश ने कहा की "नितीश के शासन में डीएम भी सुरक्षित नहीं है,शराब माफिया ही नितिश कुमार के नेता हैं,उन्होंने ने ही बिहार में शराब बंदी फेल कर दिया है" उन्होंने कहा की जब हमने समाज के गरीब वर्ग को नहीं लुटा तो राजनेताओं ने मुझे ही फंसा दिया"
रत्नेश ने युवाओं को नौकरी का लालसा छोडकर बड़ी संख्या में राजनीती में आने का अपील भी किया. इस चुनावी सरगर्मी में रत्नेश ने अपने ही सिस्टम को नंगा करके देश भर में मीडिया जगत को मसाला सौंप दिया है.
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