लोकसभा चुनाव 2019 के पूरा होने मे अभी दो चरण शेष है मगर विपक्षी पार्टियों ने अभी से ही सरकार बनाने के लिए एक वैकल्पिक रणनीति तैयार कर ली है।
सूत्रों की मानें तो लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद विपक्षी पार्टियां राष्ट्रपति से मिलने की योजना बना रही है, विपक्ष की योजना है कि वह लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद राष्ट्रपति से मिलेगा और उन्हें इस बात के लिए राजी करने की कोशिश करेगा कि अगर खंडित जनादेश (पूर्ण बहुमत ना मिलना) मिलता है तो वह सबसे बड़े दल यानी सिंगल लार्जेस्ट पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित ना करें। केंद्र में बीजेपी सरकार का विरोध कर रहे 21 राजनीतिक दल एक समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर करने की योजना बना रहे हैं, सूत्रों ने कहा है कि सामान्य कदम का कारण यह सुनिश्चित करना है ताकि राष्ट्रपति चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी किसी पार्टी को क्षेत्रीय दलों और गठबंधन को तोड़ने का प्रयास करने का मौका ना दें,यह कदम क्षेत्रीय दलों में फूट पड़ने से रोकने के लिए है। आपको बता दें कि लोकसभा में 543 निर्वाचित सदस्य होते हैं जिनमें बहुमत के लिए 274 सांसदों की जरूरत होती है, 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 282 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया था। साल 1998 में राष्ट्रपति केआर नारायण ने सरकार बनाने से पहले और सदन में विश्वास मत हासिल करने से पहले अटल बिहारी वाजपेई को समर्थन पत्र प्रस्तुत करने को कहा था, उस वक्त बीजेपी ने 178 सीटें जीती थी और गठबंधन के पास 252 सदस्य थे बाहरी समर्थन से किसी तरह अटल बिहारी वाजपेई की सरकार बन गई थी मगर 20 महीने के बाद सरकार गिर गया क्योंकि ओ एक मत से विश्वास मत हार गए थे।
पिछले 5 वर्षों में मणिपुर, गोवा जैसे राज्यों में सरकार गठन पर बहुत विवाद हुआ है और हाल ही में कर्नाटक में ऐसा नजारा देखने को मिला था। कर्नाटक में बीजेपी ने तब विरोध किया था जब चुनाव के बाद कांग्रेस ने एचडी कुमार स्वामी की जनता दल सेकुलर के साथ गठबंधन किया था और अंतिम समय तक राज्य भाजपा प्रमुख बीएस येदुरप्पा ने जोर देकर कहा था कि उनकी पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए और यह विधानसभा के फर्श पर बहुमत साबित करेगी मगर बाद में भाजपा द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों के बीच पहल को रोक दिया गया था। लोकसभा चुनाव के लिए जबकि कोई औपचारिक गठबंधन नहीं हुआ है बावजूद इसके 21 पार्टियां बीजेपी से मुकाबला करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक साथ हैं इसके अलावा गैर भाजपा और कांग्रेस वाले तीसरे मोर्चे के गठन के भी संकेत है। इसके लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर अन्य क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं से लगातार मुलाकात कर रहे हैं।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण की वोटिंग 19 मई को होगी और 23 मई को वोटों की गिनती होगी। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या एक बार फिर भाजपा का सरकार बनता है या फिर महागठबंधन सरकार बनाने में सफल होता है।
(सासाराम से संजीव कुमार सिंह की रिपोर्ट)
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