पहले चरण के चुनाव के लिए आज से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है।तमाम गठबंधनों में सीट शेयरिंग पर अभी पेंच बाकी है।लोगों को अबतक स्पष्ट नहीं हुआ है कि उनके विधानसभा में किस गठबंधन से कौन पार्टी लड़ेगी और कौन उम्मीदवार होगा।
ईधर आम आदमी पार्टी से यह खबरें आ रही है कि बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी भाग नहीं ले सकती है।सूत्रों की माने तो दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण और पर्याप्त तैयारी नहीं होने की वजह से इसबार भी बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।हालांकि अभी तक पार्टी का आधिकारिक बयान नहीं आया है।लेकिन पार्टी के नेताओं के अनुसार यह अंतिम फैसला है,जिसे बिहार के कार्यकर्ताओं ने अपने नेतृत्व पर भरोषा करते हुए सहर्ष स्विकार किया है।पार्टी के एक प्रदेश स्तर के नेता ने बताया कि एक दो दिन के अंदर इसबात की घोषणा कर दी जाएगी।
150-200 सीटों पर चल रही थी तैयारी
इसबार बिहार विधानसभा चुनाव में मजबूती से भाग लेने के लिए बिहार के प्रदेश अध्यक्ष सुशील सिंह के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार तकरीबन 200 सीटों पर अपनी तैयारी कर रहे थे।लगभग यह तैयारी अप्रैल से ही शुरू थी,लेकिन पहले चरण के नामांकन से महज दो तीन दिन पहले तैर रही इस खबर ने सबको असहज कर दिया है।कुछ नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास भी निकालने का प्रयास किया है।विदित हो कि प्रदेश अध्यक्ष सुशील सिंह लगातार हर विधानसभा क्षेत्र में छोटी बड़ी सभा और मीटिंग कर रहे थे।बिहार के कार्यकर्ताओं में उत्साह भी देखा जा रहा था।कुछ सीटों पर आप के उम्मीदवार खेल बिगाड़ते हुए भी नजर आ रहे थे।लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने इस तैयारी को प्रयाप्त नहीं बताया है।पार्टी नेताओं के मुताबिक शीर्ष नेतृत्व ने कहा है कि कोरोना महामारी की वजह से पार्टी द्वारा बिहार चुनाव की तैयारियां नहीं हो पाई हैं।
चुनाव नहीं लड़ने के पीछे का तर्क
जैसे ही यह ख़बर आई कि पार्टी ने बिहार चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है।आनन फानन में बिहार के कुछ प्रत्याशी समेत अन्य नेता सीधे दिल्ली कूच कर गए,लेकिन दो दिन तक प्रयास करने के बाद भी निराशा ही हाथ लगी।
आम आदमी पार्टी के बिहार इकाई के एक नेता ने बताया कि अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि "हमारे लिए चुनाव या सत्ता महत्वपूर्ण नहीं है।लोग सुरक्षित रहें, कोरोना के बढ़ते संक्रमण में बिहार चुनाव टालना चाहिए था।लेकिन ऐसा नहीं हुआ इसलिए पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को महज कुछ वोट और सीट के लिए मौत के मुंह मे नहीं धकेल सकती हैं।आम आदमी पार्टी सिर्फ चुनाव लड़ने और जीतने के लिए नहीं बनी है, लोगों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है"।
इसबात की आधिकारिक घोषणा भी पार्टी जल्द ही प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से कर सकती है।
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