वैसे तो पिछले बिहार विधानसभा में भी उपेन्द्र कुशवाहा पर टिकट बेचने
का आरोप लगा था.खूब हल्ला हुआ लेकिन एकबार फिर से लोकसभा चुनाव आते ही रालोसपा
प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा पर टिकट बेचने का आरोप लग चूका है,न सिर्फ आरोप बल्कि आरोप लगाने वाले ने बाकायदा साक्ष्य भी दिया है,आइये आज समझते हैं पूरा मसला.
इसबार आरोप लगाने वाला कोई दूसरा नहीं बल्कि उनके ही पूर्व सहयोगी
प्रदीप मिश्रा हैं,ये वहीँ प्रदीप मिश्रा हैं जिन्होंने पिछले विधानसभा
चुनाव में टिकट बांटने में पूरी डीलिंग की थी.तब उपेन्द्र कुशवाहा अपने परिवार
सहित विदेश यात्रा पर थे.
कल यानि 12 मार्च 2019 को उपेन्द्र कुशवाहा के रालोसपा के बड़े नेता
नागमणि कुशवाहा और उनके सहयोगी प्रदीप मिश्रा ने पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस
किया और उपेन्द्र कुशवाहा पर साक्ष्य के साथ टिकट बेचने का गंभीर आरोप
लगाया.प्रदीप मिश्रा ने कहा की उपेन्द्र कुशवाहा ने मोतिहारी सीट के लिए 15 करोड़
रुपये मांगे थे लेकिन मैं देने में सक्षम नहीं था तो उन्होंने उस सीट को 9 करोड़
में माधव आनंद को बेच दिया है.उपेन्द्र कुशवाह को मैंने 45-45 लाख दो बार में 90
लाख रुपया उनके दिल्ली के पार्लियामेंटरी ब्रांच वाली स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के
खाते में डाला है. उन्होंने उपेन्द्र कुशवाहा का वो खाता नम्बर भी जारी किया है जो 31286341829 है. इस खाते में 12 दिसंबर को
45 लाख रुपये डाले गए हैं,19 जनवरी को फिर 08 लाख रुपये डाले
गये. 06 मार्च 2019 को इस खाते से 50 लाख रुपये RTGS के
माध्यम से किसी धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय को ट्रांसफर किया गया है.
पटना के एक वरिष्ठ पत्रकार के मुताबिक यह धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय
आरा के रहने वाले हैं तथा कुशवाहा के बहुत खास हैं और उनके निजी सचिव भी हैं.यह
रुपये उनके खाते में क्यूँ भेजे गए,यह अभी स्पष्ट
नहीं हो सका है.हालाकि उनके निजी सचिव ने ऐसे किसी लेन देन से इनकार किया है.
नागमणि कुशवाहा और प्रदीप मिश्रा ने उपेन्द्र कुशवाहा के खाते की
जाँच सीबीआई से कराने की मांग की है.सवाल जायज है की इतने बड़े पैमाने पर रुपये का
लेन देन निजी खाते से हो रहा है,क्या कुशवाहा के जानकारी के
बगैर हो रहा है ?
इधर आज उपेन्द्र कुशवाहा ने पटना के अपने
प्रदेश कार्यालय में जवाबी कार्यवाई में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए ,अपने विरोधियों को जवाब देते हुए कहा है की हां मैंने प्रदीप मिश्रा से
पैसे लिए हैं लेकिन टिकट किसी को नहीं बेचा है.लेकिन उपेन्द्र कुशवाहा यह नहीं
बताये की आखिर क्यूँ लिया ? किस एवज में इतनी रकम ली गई?
06 मार्च को 50 लाख किसको और क्यों ट्रांसफर हुआ ? ऐसे तमाम सवाल अब भी बरक़रार हैं.
जब पत्रकारों ने कुशवाहा से पूछा की; क्या आप
प्रदीप मिश्रा का पैसा वापस करेंगे ? तब कुशवाहा ने कहा की
यह उनका और हमारा मामला है,इसका जवाब हम नहीं देंगे.
पत्रकारों ने पूछा की क्या आपका उजियारपुर में मॉल बन रहा है? इस बात का खंडन भी श्री कुशवाहा ने नहीं किया और जवाब देने से इनकार कर
दिया.
पत्रकारों ने पूछा की आपने 50 लाख किसी धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय को
ट्रांसफर किया,वह किसलिए और कौन है वो ? इसपर
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा की इसकी जाँच ED कर ले ,इसका जवाब हम नहीं दे सकते हैं.पैसा मैंने लिए थे जरुरत थी,अब क्या किया ,किसको दिया इससे क्या मतलब .
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