बिहार में चुनावी बिगुल बज चुकी है।सरकारी सिस्टम चुनाव की तैयारियों में जुट गई है और नेतागण चुनावी रणनीतियों में जुटे हैं।शीर्ष नेता सीट शेयरिंग का गुणा भाग कर रहे हैं तो वहीं विधायक जी लोग अपनी अपनी टिकट के फिराक में क्षेत्र की जनता और बड़े नेताओं के यहाँ मत्था टेकने में पसीना बहा रहे हैं।
रोहतास जिला के चेनारी विधानसभा में भी उम्मीदवारों ने ताल ठोक दिया है।यह सीट अनुसूचित जाति हेतु आरक्षित है।करीब आधा दर्जन से अधिक भावी विधायक मैदान में कूद पड़े हैं।क्या है इस विधानसभा की राजनीति?NDA से कौन लड़ेगा? महागठबंधन के तरफ से किसके खाता में जाएगा यह सीट? इन सभी सवालों पर आगे विस्तार से आप पूरी विश्लेषण पढ़ पाएँगे।
अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि महागठबंधन से कौन सी पार्टी इस सीट पर लड़ेगी।हालाँकि NDA के तरफ से भी अभी उहापोह है कि चेनारी में भाजपा लड़ेगी या जदयू।फिलहाल यहाँ से ललन पासवान विधायक हैं।ललन पासवान 2015 में रालोसपा के टिकट पर चुनाव जीते थे।लेकिन अब रालोसपा सुप्रीमो के साथ मतभेद होने के कारण जदयू में शामिल हो चुके हैं।इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि ललन पासवान जदयू से पुनः यहां चुनाव लड़ेंगे।लेक़िन राजनीति में जबतक नामांकन पत्र नहीं भरा जाता है,तबतक कुछ भी फाइनल नहीं माना जाता है।वैसे इसबार इस सीट पर ललन पासवान के लिए चुनौती मजबूत है।
कौन कौन उतर गए हैं भाग्य आजमाने?
जदयू से ललन पासवान,भाजपा से रवि पासवान और शिवेस राम,रालोसपा से पूर्व विधायक श्याम बिहारी राम और संजीव कुमार,आम आदमी पार्टी से डॉ रामभुलाई राम,कांग्रेस से मुरारी प्रसाद गौतम ने मुख्य रूप से चुनावी मोर्चा संभाल लिया है।
ललन पासवान(जदयू): ललन पासवान वर्तमान विधायक हैं।पिछली बार उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा से चुनाव लड़े थे और जीते थे।बाद में इन्होंने अपनी पार्टी बनाई और अब जदयू में शामिल हो चुके हैं।इससे पूर्व ललन पासवान राजद के नेता भी रह चुके हैं।माना जाता है कि ललन पासवान का इस क्षेत्र में अपना कैडर वोट है।जो इन्हें चुनाव जीतने में मदद करती रही है।लेकिन इसबार माहौल में बदलाव है।ललन पासवान से क्षेत्र के ब्राह्मणों में नाराजगी है।करीब डेढ़ वर्ष पूर्व विधायक जी का एक ब्राह्मण विरोधी भाषण का वीडियो वायरल हुआ था।परिणामतः युवाओं में नाराजगी साफ देखी जा रही है।रिपोर्ट तैयार करने के दौरान लोगों ने बताया कि ललन पासवान अपने समर्थकों के निजी विवादों में भी खुलकर सामने आ जाते हैं और एकतरफा पैरवी करते हैं।नाराजगी का एक बड़ा कारण यह भी है।
रवि पासवान(भाजपा): रवि पासवान सासाराम के भाजपा सांसद श्री छेदी पासवान के पुत्र हैं।पिछले विधानसभा चुनाव में रवि पासवान सपा के टिकट पर भाग्य आजमा चुके हैं।
शिवेश राम(भाजपा): शिवेश राम सासाराम के पूर्व भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री मुनिलाल राम के पुत्र हैं।कहा जाता है कि शिवेश राम 1997 से ही भाजपा में सक्रिय हैं।सन 2000 में चेनारी विधानसभा से इन्हें टिकट भी मिला था लेकिन बाद में यह सीट गठबंधन के दूसरे दल के खाता में चला गया था।पुनः 2005 में शिवेश राम ने सहार विधानसभा से चुनाव लड़ा लेकिन सफलता नहीं मिली।वर्ष 2010 में शिवेश राम आरा जिला के अगिआंव विधानसभा से विधायक बने।स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं ने बताया कि शिवेश राम भी लगातार टिकट के लिए प्रयास करते रहे हैं और इसबार भी प्रयासरत हैं।
श्यामबिहारी राम(रालोसपा): श्यामबिहारी राम चेनारी विधानसभा सीट से 2010 में जदयू के टिकट पर विधायक बने थे।2015 में इन्हें टिकट नहीं मिला।लगभग दो महीने पहले श्यामबिहारी राम ने जदयू छोड़कर रालोसपा का दामन थाम लिया है।श्याम बिहारी राम अपने क्षेत्र में जोर शोर से जनसम्पर्क कर रहे हैं।इन्हें उम्मीद है कि यह सीट रालोसपा के खाता में आयेगा और वो उम्मीदवार बनेंगे।
संजीव कुमार(रालोसपा): संजीव कुमार इस विधानसभा के लिए नया चेहरा हैं।फिलहाल संजीव कुमार रालोसपा के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।बीते लोकसभा चुनाव के दौरान संजीव कुमार ने सासाराम सीट से रासपा(सेक्युलर)के उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया था।लेकिन समय पर कुछ कागज उपलब्ध न कराने की वजह से इनका नामांकन रदद् कर दिया गया था।संजीव कुमार के पूर्व सहयोगियों के मुताबिक इन्होंने ने एक उम्मीदवार के साथ समझौता करके जानबूझकर अपना नामांकन रदद् होने दिया था।संजीव कुमार को पटना के नेता बताया जाता है क्योंकि इनका रहन सहन पटना में ही हैं।बहरहाल रालोसपा के टिकट के एक दावेदार संजीव कुमार भी हैं।
डॉ रामभुलाई राम(आप): इसबार चेनारी सीट से आम आदमी पार्टी भी मैदान में है।पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ रामभुलाई राम इस सीट से भावी उम्मीदवार हैं।डॉ रामभुलाई राम एक रिटायर्ड शिक्षक हैं और पार्टी के जिला उपाध्यक्ष भी हैं।कहा जा रहा है कि चेनारी और शिवसागर प्रखण्ड में पार्टी की अच्छी पकड़ है।आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता 5-5 की टीम बनाकर घर घर पहुंच रहे हैं।
मुरारी प्रसाद गौतम(कांग्रेस): मुरारी गौतम चेनारी सीट से ही 2009 के उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी से विधायक बने थे।इसके बाद इन्हें दोबारा मौका नहीं मिला है।क्षेत्र मे इनकी छवि बेहद मिलनसार और सादगी वाले नेता की है।इसबार भी मुरारी गौतम लगातार क्षेत्र भ्रमण कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि चेनारी सीट कांग्रेस के खाते में आएगी तो उन्हें टिकट मिलेगा।
आदर्श आचार संहिता लागू होने में कुछ ही दिन शेष बचा है।जबकि अबतक NDA और महागठबंधन के तरफ से स्पष्ट नहीँ हो पाया है कि कौन सी घटक दल कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी और कौन सी सीट किसके खाता में जाएगी।जबतक सीट शेयरिंग साफ नहीं हो जाता है तबतक प्रत्याशियों की धड़कन तेज ही रहेगी।
बहरहाल चेनारी विधानसभा क्षेत्र से इसबार कौन बाजी मारेगा, किसके सर पर ताज चढ़ेगा।यह तो सीट शेयरिंग के बाद ही स्पष्ट होगा।लेकिन उम्मीदवारों की जो आजमाइश ने क्षेत्र के लोगों को चुनावी चर्चा करने पर मजबूर कर दिया है।
(पूरी रिपोर्ट स्थानीय नेताओं के बातचीत पर आधारित)
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